O उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गूगल फॉर्म के जरिए नक्सली पुनर्वास नीति पर मांगा सुझाव.
ताहिर खान
कवर्धा – नक्सलियों और सरकार के बीच टकराव किसी से छुपी नहीं है, सरकार चाहे किसी भी की हो माओवादी हमेशा सरकार के लिए सरदर्द बनते आये हैँ. सरकार के साथ-साथ जनमानस को भी जान और माल का नुकसान होता रहा हैं. नक्सलियों द्वारा दिए गए कई ऐसे बड़े जख्म हैं जो अब तक भर नहीं पाए हैं. जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से माओवादियों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है, सेना व पुलिस के जवानों के हांथो मुठभेड़ मे मओवादी मारे जा रहे है, जिससे naxali बैकफुट पर चले गए हैं. ऐसे में टकराव को रोकने के लिए एक बेहतरीन पहला छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शुरू की गई है जिसमें उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जगदलपुर मे मेल आईडी व गूगल फॉर्म जारी कर माओवादियों से सीधे तौर पर उनके पुनर्वास नीति पर उनके हिसाब से सुझाव मांगा है ताकि उन्हें मुख्य धारा में जोड़कर उनके और उनके बच्चों का भविष्य सुनहरा बनाया जा सके. इससे पहले भी पुनर्वास नीति के तहत सैकड़ो मवोवादी हथियार सहित सरेंडर कर चुके हैं और समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण कबीरधाम जिले में दिवाकर को लिया जा सकता है जिन्होंने पढ़ाई को अपना हथियार बनाया है अच्छे नंबरों से परीक्षा पास एक रोल मॉडल के रूप में उभरे हैं.
नई पुनर्वास नीति होगी कारगर
गृहमंत्री विजय शर्मा अपने नवाचार जाने जाते हैं अब मओवादी को समाज के बीच मुख्य धारा में जोड़ने की कवायद उन्होंने उन्होंने शुरू कर दी है. विजय शर्मा नई पुनर्वास नीति के तहत मुख्य धारा में लौटना चाहते हैं. इस पर खुद नक्सली सुझाव देंगे इसके बाद सरकार नई पुनर्वास नीति निर्धारण करेगी, इस पहल से माओवादी और सरकार के बीच टकराहट बंद हो पाएगी. साथ ही मओवादी इलाकों में विकास की गंगा बह पाएगी.