0 चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी किया था बंद का समर्थन।
0 किसानों के मांग के साथ खड़े दिखे व्यापारी।
ताहिर खान
कवर्धा. नए कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर सरकार व किसान संगठनों के बीच अनेक बार वार्ता हुई है लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला जिसके चलते किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया। एक और जहां सैकड़ों किसान अपने परिवार के साथ इस कानून के विरोध में दिल्ली के सीमा में डटे हुए हैं,इसके अलावा पिछले महीने भर से पंजाब एवं अलग-अलग हिस्सों में इस बिल का विरोध किया जा रहा था, लेकिन सरकार ने कोई तबज्जो नही दिया जिसके चलते किसान दिल्ली कुच करने को विवश हुए। सरकार और किसानों के बीच बातचीत से कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। किसान अपनी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी चाहते हैं ताकि कोई भी व्यापारी अपनी मर्जी से कम कीमत में किसानों के खून पसीने से उगाई गई फसल को खरीद ना सके, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। इसी को लेकर कबीरधाम जिले में भी बंद का व्यापक असर देखा गया। इसका समर्थन प्रदेश कांग्रेस ने भी किया है और सभी जिलों में कांग्रेस के पदाधिकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से किसानों के प्रस्तावित बंद में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने की अपील किए थे.इस बंद का कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स कैट सीजी चेप्टर के व्यापारियों ने भी पूर्ण रूप से समर्थन दिया. इसी के चलते बंद का व्यापक असर देखने को मिला. नगर में जिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस , महिला कांग्रेस, एनएसयूआई व सभी विंग के कार्यकर्ता बंद के लिए घूमते दिखे. इस दौरान कई जगहों पर खुले छोटे मोटे दुकानों को भी बंद कराया गया. जिले में इस देशव्यापी बंद को व्यापारियों का समर्थन मिला. अनेक व्यापारियों ने स्वस्फुर्त अपनी दुकाने बंद रखी.
बंद को लेकर कांग्रेस निकले सड़क पर
सुबह सड़क किनारे ठेले- खोमचे लगाने वाले कुछ व्यवसायियों ने दुकानें खोली थीं, लेकिन जब मोटर सायकिलों में कांग्रेस के कार्यकर्ता शहर भ्रमण के लिए निकले तो बाद में व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं। अपील के बाद शहर में बंद के हालात दिखाई दिए.कुछ जगहों पर समर्थकों व व्यापारियों के साथ विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई जिसे आपसी बातचीत के दौरान सुलझा लिया गया.